यहां कुछ और कारण दिए गए हैं
1.वित्तीय योजना की कमी:
मिडिल क्लास के लोग अक्सर अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान से नहीं देखते हैं और उनके पास एक ठोस वित्तीय योजना नहीं होती है, जिससे वे गलत वित्तीय निर्णय लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
अत्यधिक खर्च
ये अपनी आय से अधिक खर्च करते है। जिससे ये मिडिल क्लास के लोग लोन या INTERNET पर पैसे लेने पर मजबूर हो जाते हैं
संस्कृति और सामाजिक कार्यक्रम दबाव:
ये समाज में अपने जीवन स्तर बनाए रखने के लिए अत्यधिक पैसे को खर्च करते है जिससे ये कर्ज के जाल में फंस जाते है
ब्याज दरें और शुल्क:ब्याज दरें और शुल्क के साथ खराब वित्तीय स्थिति भी कर्ज के जाल में फंसने का कारण बनती हैं. ऋण की उपलब्धता:कई ऋणदाता मिडिल क्लास को ऋण देते हैं, भले ही उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो, जो उन्हें कर्ज में और अधिक फंसा देता है. बेरोजगारी और आर्थिक मंदी:बेरोजगारी और आर्थिक मंदी के कारण उनकी आय में कमी आती है, जिससे वे कर्ज चुकाने में संघर्ष करते हैं. महंगाई:महंगाई के कारण उनकी खर्चों में वृद्धि होती है, जो उन्हें कर्ज लेने के लिए मजबूर करती है. सैलरी में धीमी वृद्धि:सैलरी में धीमी वृद्धि के कारण वे महंगाई को वहन नहीं कर पाते हैं और कर्ज लेने के लिए मजबूर होते हैं. ब्याज दरें:उच्च ब्याज दरें ऋण के बोझ को और बढ़ा देती हैं. इन कारणों से मिडिल क्लास के लोग कर्ज और EMI के जाल में फंस जाते हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो जाती है और वे आर्थिक रूप से संघर्ष करते हैं.
मिडिल क्लास लोग अक्सर कर्ज और EMI के जाल में फंस जाते हैं, क्योंकि
मिडिल क्लास लोग अक्सर कर्ज और EMI के जाल में फंस जाते हैं, क्योंकि
मिडिल क्लास क्यों फसते है कर्ज और EMI के जाल में?
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