MAUT KE BAAD FIRSE JANAM(मौत के बाद फिर से पुनर्जन्म होती हैं क्या?

दोस्तों आप को क्या लगता है मौत के बाद सच में फिर से पुनर्जन्म होती हैं तो आप को पता होना चाहिए मौत के बाद फिर से पुनर्जन्म होती है। माने तो 100 प्रतिसत लोगो में 2 से 4 प्रतिसत लोगो का पुनर्जन्म होता हैं

आप याद करो हम सभी ने कभी न कभी जरूर सुना होगा। की किसी छोटे बच्चे ने अपने पिछले जन्म की चीजें बताई है कई लोगों तो यह भी कहते हैं कि पिछले जन्म में सिपाही था ,मै पिछले जन्म में मै एक मजदूर था आप लोगों ने बहुत कुछ सुना और देखा भी होगा सोशल मीडियो पर ये बाते कभी न कभी तो देखा और कुछ लोगों की अपने परिवार में ऐसी कोई घटना हुई होगी

क्या आपने कभी सोचा है कि क्या ये लोगो का सिर्फ भ्रम होता है या फिर सच में ऐसा सच में मुमकिन है। क्या साइंस के हिसाब से सच में इंसानों का पुनर्जन्म होता हैं? तो चालिए आज आपको बताएंगे कि पुनर्जन्म सच में होता है। या ये सब एक कहावत के तौर पर बोला जाता है

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तो सबसे पहले हम समझते है पुनर्जन्म का कॉन्सेप्ट आया कैसे ?

दोस्तों पुनर्जन्म का कॉन्सेप्ट कई धर्मों में गहरी से जुड़ा हुआ है HINDUISM,BUDDHISM, JAINISM और SIKHISM

इन सभी में पुनर्जन्म का जिक्र देखने को मिलता है

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HINDUISM 👉 हिंदू धर्म के अनुसार आत्मा अमर होती हैं (the beliv that the soul (AATMA) continue toexit after deeth) जब एक शरीर खत्म होता है तो तो ओ आत्मा दूसरे के शरीर में जन्म लेती है ये क्रिया तब तक चलती है जब तक मोक्ष न मिल जाए

BUDDHISM 👉 बुद्धिज़्म में इसे सम सारा कहा गया है। एक एंडलेस साइकल जिसमें बार बार जन्म मृत्यु ओर पुनर्जन्म होता हैं पर हर जन्म आपके पिछले कर्म पर निर्भर करता हैं और ये मान्यता इंडिया तक सीमित नहीं है। तिब्बत, श्रीलंका,ओर यह तक ग्रीक फिलासफी का कहना है पुनर्जन्म आइडिया पर खोज की थी लेकिन ये सब तो आम बाते है। अब देखते हैं क्या रियल rife में इसका कोई सच में मिल है

सबसे फेमस केश था शांति देवी का 1930 में दिल्ली की एक छोटी लड़की थी जिसे याद था कि मैं मथुरा में एक औरत थी। ओर उसका नाम लुढ़गी उसने अपने पति का नाम घर का पता सब बताया जब लोगो ने उस जगह गए तो अब कुछ सच निकला

यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के सइकोलॉजिस्ट डॉक्टर इन स्टीवेंसन ने 40 सलों तक 3000 से ज्यादा कैसे डॉक्यूमेंट किया जहां बच्चों ने अपनी पिछले जन्म के बारे में बातें की थी उन्होंने देखा कि बच्चे जनरली 2 से 6 साल कि वर्ष में अपनी पुरानी लाइफ याद करते है और डिटेल इतनी सच होती है कि उन्हें इग्नोर करना मुश्किल हो जाता हैं कुछ केसेस मैं तो उन बच्चों के शरीर पर पुरानी मौत की निशान जैसे गोलियों की चोट या बर्थ मार्क्स तक मैच हए हैं

लेकिन असली सवाल उठता है क्या क्या यह सब सच है ?

तो देखते हैं साइंस क्या कहता है दोस्तों आपको बताएं कि साइस पुनर्जन्म कॉन्सेप्ट को जनरली रिजेक्ट करता है और इसका एक सिंपल रिजन है कि इसमें एम्प्रिकल एविडेंस को कमी यानी सच नहीं होता है किसी भी क्लेम को तब तक माना नहीं कीया जा सकता जब तक उसे बार-बार टेस्ट करके सेम रिजल्ट ना निकले पुनर्जन्म के केस ज्यादातर अनेकडॉटल होते हैं यानी किसी ने कुछ याद किया लेकिन इन्हें वैज्ञानिक तर पर वेरीफाई नहीं किया जा सकता साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि ऐसी मेमोरि। क्रिप्टोमनीशिया फॉल्स मेमोरी होती है। जहां बच्चा अनजाने मे किसी पुरानी बात को सुनकर अपनी समझ लेता है जब तक पुनर्जन्म को लेबोरेटरी कंडीशन में रिप्लिकेट नहीं किया सकता साइंस उसे सच नहीं मानेगी और इसीलिए अभी के लिए वह फैक्ट यही है पुनर्जन्म सच में नहीं होता है लेकिन पुनर्जन्म एक ऐसा कांसेप्ट है जो साइंस और फेथ के बीच अटका हुआ है।

आपका क्या मानना है पुनर्जन्म होता हैकॉमेंट मैं जरूर बताएं और ऐसे ही दिमाग हिलाने बाली टॉपिक पढ़ने के लिए हमारी पेज को जरूर फ़ॉलो करे

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